Wednesday, June 5, 2013

पुराने मित्र छूटते हैं , नए मित्र बनते हैं . यह दिनों की तरह ही है. एक पुराना दिन बीतता है, एक नया दिन आता है.महत्त्वपूर्ण यह है कि हम उसे सार्थक बनाएं : एक सार्थक मित्र या एक सार्थक दिन. Hare Krishna

Posted by Unknown

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